Pages

Pages

Pages

Tuesday, September 8, 2015

Rasleela decoded.रासलीला

 
हिन्दुओं में कृष्ण के नाम पर एक प्रथा प्रसिद्ध है । जिसे रासलीला कहते हैँ। इस रासलीला के विषय में अनेक मिथ्या बातें जनसाधारण में फैली हुई हैं । जिससे कृष्ण के निर्मल नाम पर पर धब्बा लगा है। यहाँ तक कि लोग उसी आशय से कृष्ण को विषयी और दुराचारी बताते हैं। लाखों हिन्दू कृष्ण का नाम केवल रासलीला के संबंध से ही जानते हैं। वे न कृष्ण के उच्च शिक्षा से परिचित हैँ । और न उनको यह ज्ञात है । कि कृष्ण ने अपने जीवनकाल में अपने देश के लिए क्या-क्या कार्य किए और इतिहास उनको किस प्रतिष्ठा की दृष्टि से देखता है। वे केवल उस कृष्ण से परिचित हैं । और उसी की पूजा- अर्चना करते हैं । जो रासलीला मैं गोपियों के साथ नाचता और गाता था ।

श्री कृष्ण के बारे में जो कुछ ' कहा जाता, किया जाता, अथवा सुना जाता है ।  वह मिथ्या है। हमें ये याद रखना चाहिए कि कृष्ण और बलराम 12 वर्ष से अधिक अपने गाँव मैं नहीं रहै। 12 वर्ष की अवस्था में या उसके लगभग अथवा उससे कुछ पश्चात वे मथुरा चले आए और फिर आजीवन उनको कभी गोकुल एवं बृन्दावन में जाने का अवकाश नहीं मिला, यहॉ तक कि उन्हें मथुरा भी छोड़नी पडी। ऐसी दशा में विचारना चाहिए कि प्रेम या सहवास करने का उन्हें कब या किस आयु मैं अवसर मिला होगा ।

अत: वह उन सब अत्याचारों के कर्ता कैसे कहै जा सकते हैँ जो उनके नाम से रासलीला या ब्रहाओत्स्व में दिखाये जाते हैं। हिन्दुओँ की अधोगति की यदि थाह लेनी हो तो केवल ब्रहाओत्स्व देख लेना चाहिए। संसार की एक ऐसी धार्मिक जाति जिसकी धर्मोउनती किसी समय विश्वविख्यात थी, आज अपने उस धर्म पर यों उपहास करने पर उतारू हो चुके हैं ।

धर्म के नाम पर हजारों पाप करने लगी है और फिर आड़ कै लिए ऐसै धार्मिक माहान पुरुष को चुन लिया जाता है । जिसको शिक्षा में पवित्र भक्ति 'कूट-कूट कर भरी हुईं है।

दुख की बात है कि हमने अपने महान पुरुषों का कैसे अपमान किया है। कदाचित यह इसी पाप का फल हैं कि हम इस अधोपतन को पहुँच गये और कोई हमारी रक्षा न कर सका।

No comments:

Post a Comment