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Wednesday, July 2, 2014

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर

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दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर - स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर

क्या आप जानते हैं दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर कौन सा है और कहां स्थित है?
नई दिल्ली स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर माना जाता है और इसी वजह से इसे गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल किया गया है। इस मंदिर का परिसर करीब 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
 
मंदिर में कई द्वार बनाए गए हैं जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। यहां मयूर द्वार, भक्ति द्वार, दश द्वार नामक द्वार हैं। मयूर द्वार में परस्पर गुंथे हुए भव्य मयूर तोरण एवं कलामंडित स्तंभों के करीब 869 मोर नृत्य कर रहे हैं। यह शिल्पकला की उत्तम कलात्मक कृति है।
 
भक्ति द्वार में भक्ति एवं उपासना के करीब 208 स्वरूप भक्ति द्वार में मंडित किए गए हैं। वहीं दश द्वार में दसों दिशाओं के प्रतीक हैं, जो कि वैदिक शुभकामनाओं को प्रदर्शित करते हैं।
 
अक्षरधाम मंदिर में हस्तशिल्प से निर्मित करीब 234 खंबे हैं, नौका विहार है।, मंदिर में करीब 20 हजार मूर्तियां हैं जिनकी सुंदरता तुरंत ही भक्तों का मन मोह लेती है।
 
अक्षरधाम मदिंर को बनाने में करीब 11 हजार शिल्पकारों ने कड़ी मेहनत की है। मंदिर को बनने में लगभग 5 साल का समय लगा है।
 
अक्षरधाम मंदिर में किसी भी प्रकार से कंक्रीट और स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर की इमारत गुलाबी बलुआ पत्थरों को जोड़कर तैयार की गई है।दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर - स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर
क्या आप जानते हैं दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर कौन सा है और कहां स्थित है?...
नई दिल्ली स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर माना जाता है और इसी वजह से इसे गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी शामिल किया गया है। इस मंदिर का परिसर करीब 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।

मंदिर में कई द्वार बनाए गए हैं जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। यहां मयूर द्वार, भक्ति द्वार, दश द्वार नामक द्वार हैं। मयूर द्वार में परस्पर गुंथे हुए भव्य मयूर तोरण एवं कलामंडित स्तंभों के करीब 869 मोर नृत्य कर रहे हैं। यह शिल्पकला की उत्तम कलात्मक कृति है।
भक्ति द्वार में भक्ति एवं उपासना के करीब 208 स्वरूप भक्ति द्वार में मंडित किए गए हैं। वहीं दश द्वार में दसों दिशाओं के प्रतीक हैं, जो कि वैदिक शुभकामनाओं को प्रदर्शित करते हैं।
अक्षरधाम मंदिर में हस्तशिल्प से निर्मित करीब 234 खंबे हैं, नौका विहार है।, मंदिर में करीब 20 हजार मूर्तियां हैं जिनकी सुंदरता तुरंत ही भक्तों का मन मोह लेती है।
अक्षरधाम मदिंर को बनाने में करीब 11 हजार शिल्पकारों ने कड़ी मेहनत की है। मंदिर को बनने में लगभग 5 साल का समय लगा है।
अक्षरधाम मंदिर में किसी भी प्रकार से कंक्रीट और स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है। मंदिर की इमारत गुलाबी बलुआ पत्थरों को जोड़कर तैयार की गई है।