क्षत्रियों की कुलदेवी के रूप में प्रसिद्ध हिंगलाज भवानी माता का बलोचिस्तान स्थित मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। कराची से 250 किलोमीटर दूर क्वेटा-कराची रोड़ पर राष्ट्रीय राजमार्ग से करीब घंटेभर की पैदल दूरी पर स्थित है यह मंदिर। मंदिर के सालाना मेले में यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल होते हैं। यहां के स्थानीय लोग हिंगलाज माता मंदिर को श्रद्धा से नानी का हज, नानी का मंदिर कहते हैं। नानी का मतलब यहां ईरान की देवी अनाहिता से है। कहा जाता है कि माता के दर्शन के लिए गुरू नानक देव भी आए थे।
पाकिस्तान स्थित इस मंदिर के लिए कहा जाता है कि यहां मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है। किसी समय पूरे विश्व के हिन्दुओं की श्रद्धा का केन्द्र रहा हिंगलाज माता का मंदिर में अब भी दूर-दूर से लोग आकर मन्नत मांगते हैं। यहां का सारा प्रबन्धन स्थानीय निवासियों की एक कमेटी करती है।