यह मंदिर है राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्तिथ गलता तीर्थ पर जंहा आज भी श्रद्धालु दूर दूर से मौके बे मौके स्नान करने आते है, इस तीर्थ को जितनी महानता मिलनी चाहिए थी उतनी मिली नहीं क्योंकि ज्यादा लोग इसके बारे में कुछ जानते ही नहीं। आइये जानते है क्या है खास इस गलता तीर्थ में और क्यू जाना चाहिए यहाँ।
Pallavi Sharma- Contributor
ऋषि विश्वामित्र के शिष्य ऋषि गलवा ने यहाँ तपस्या की तब उनके लिए गँगा यहाँ गुप्त रूप से प्रकट हुई, जिसका पानी आज भी अंजान स्त्रोत से निकलता है. लोगो का मानना है की जब भी तीर्थो पे सनान होता है तो यहाँ त्रिदेव समेत सभी देवता स्नान करने आते है इसलिए यहाँ के लोग यहाँ स्नान करने को किसी कुम्भ में स्नान के बराबर मानते है।
गलता जी में मुख्य मंदिर त्रिदेवो का है जो शायद भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां मान्यता है की ऋषि गलवा के तप से पर्सन हो कर तीनो देवो ने एक साथ उन्हें दर्शन दिए और इसी कारण वो यहाँ विराजमान है। ( इस मंदिर में प्रतिमूर्ति स्वरुप ), अथवा इस मंदिर में सूर्य देव का मंदिर भी है जिसका निर्मा अठारहवीं सदी में हुआ था।
संत शिरोमणि नाथ जी जो की जानते थे की भगवान् किस वक्त क्या करते है यो यह घुमने आय थे , फिर यही उनका सत्संग स्थान भी बन गया तब से यो यही अपने सत्संग किया करते थे l इन्होने ही नाभाजी भक्तमाल की रचना की जिसमे उहोने भगवान् के समस्त भक्तो का चरित्र लिखा हुआ है।
गलता जी में ही एक और मंदिर है जहा एक ऐसी प्रतिमा है जिसमे श्रीराम और श्रीकृष्ण दोनों के दर्शन एक ही प्रतिमा में हो जाते है, तो कही ऐसा तो नही तुलसीदास जी को इसी मंदिर में तो नहीं हुए थे श्रीकृष्ण की मूर्ति में श्रीराम के दर्शन ?