Showing posts with label KARNATKA. Show all posts
Showing posts with label KARNATKA. Show all posts

Monday, December 9, 2019

मुरुदेश्वर, कर्नाटक, Murudeswar, Karnatka, India- Highest Shiva in world

मुरुदेश्वर, कर्नाटक
मुरुदेश्वर मंदिर-
कर्नाटक में मेंगलोर की भटकल तहसील में यह मंदिर अरब सागर के बहुत ही सुन्दर एवं शांत तट के किनारे बना हुआ है. मुरुदेश्वर बीच [समुद्र तट] यहां के सब से सुन्दर तटों में से एक है।पर्यटकों के लिए यहाँ आना दोहरा लाभ देता है एक और इस धार्मिक स्थल के दर्शन और दूसरी तरफ प्राकृतिक सुन्दरता का नज़ारा भी हो जाता है.

कन्दुका पहाड़ी पर ,तीन ओर से पानी से घिरा यह मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है.यहाँ भगवान शिव का आत्म लिंग स्थापित है.जिस की कथा रामायण काल की है।.अमरता पाने हेतु रावण जब शिव जी को प्रसन्न करके उनका आत्मलिंग अपने साथ लंका ले जा रहा था.तब रास्ते में इस स्थान पर आत्मलिंग धरती पर रख दिए जाने के कारण स्थापित हो गया था.गुस्से में रावण ने इसे नष्ट करने का प्रयास किया था।

दक्षिण में मंदिर के प्रवेश द्वार को गोपुरा कहा जाता है.'राजा गोपुरा '/राज गोपुरम विश्व में सब से ऊँचा गोपुरा माना जाता है.यह २४९ फीट ऊँचा है.इसे वहीँ के एक व्यवसायी आर.एन शेट्टी ने बनवाया था .द्वार पर दोनों तरफ सजीव हाथी के बराबर ऊँची हाथी की मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं.।



मुरुदेश्वर, कर्नाटक
भगवान शिव के मंदिर पूरी दुनिया में बने हुए हैं। भगवान शिव के कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका संबंध पौराणिक समय से जुड़ा हुआ है। आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका संबंध रामायण काल से है।
कर्नाटक राज्य में उत्तर कन्नड़ जिला है, इस जिले की भटकल तहसील में ही मुरुदेश्वर मंदिर है। यह मंदिर अरब सागर के तट पर बना हुआ है। समुद्र तट होने की वजह से यहां का प्राकृतिक वातावरण हर किसी का मन मोह लेता है। बेहद सुंदर होने के साथ-साख यह शिव मंदिर बहुत ही खास भी है, क्योंकि इस मंदिर के परिसर में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति स्थापित हैं। वह मूर्ति इतनी बड़ी और आकर्षक है कि उसे दुनिया की दूसरी सबसे विशाल शिव प्रतिमा माना जाता हैं
Image may contain: night

Saturday, October 25, 2014

METALLURGY IN ANCIENT INDIA

Photo: Metallurgy of India: Many of us would have seen the iron pillar in front of the Qutub Minar in Dilli. That's over 1000 years old and still not rusted in spite of empires changing, weather changing and severe pollution of the capital city.

Kollur Mookambika temple's iron pillar. 
Pic: Flickr
Similarly, the Kollur Mookambika temple's iron pillar in coastal Karnataka, where it rains 6 to 8 months in a year, at a very high 750 cm level per year, has not rusted in over 2000 years! And this was built by tribals of the region, and not some well known architects of the 1st millennium BCE.

#AIUFOMetallurgy of India: Many of us would have seen the iron pillar in front of the Qutub Minar in Dilli. That's over 1000 years old and still not rusted in spite of empires changing, weather changing and severe pollution of the capital city.

Kollur Mookambika temple's iron pillar.
Similarly, the Kollur Mookambika temple's iron pillar in coastal Karnataka, where it rains 6 to 8 months in a year, at a very high 750 cm level per year, has not rusted in over 2000 years! And this was built by tribals of the region, and not some well known architects of the 1st millennium BCE.