Philippines of RAM Katha: mahaladiya lavan
Indonesia and the Philippines after the Islamization of the malyeshiya like the RAM as the new narrative was submitted in color. There is also the possibility that it would like Buddhist and Jains were deliberately distorted. Dr. John r. Phruainsisko IK marnav language of the Philippines discovered warped ramkatha hosted compiled in whose name is libyan medals. Its on the SITA swayamvar kathavastu, marriages, abduction, Exploration and reclamation of is clearly visible. Morehead is the son of the Sultan of burundi lavan masir. The vicious cycle of people gone. So banish the Sultan sent pulungar by him on the island. There he set fire to the Earth that vrishra was bonded. Angel grabs at the behest of tuhen (God) prevented him from making his sacrifice and her bridesmaid that his death only in court will be from the incisive made katyusha asra. Sultan of the meandering and incoming niyog mangavarg had two sons named. Sultan of the two brothers pulunvandai The unique beauty of the daughter of malaila received information. They headed out to sea in search of her visit. The way his ship crashed. Incidentally, both brothers were pulunvandai edge. An old woman picked them take your House added. Senses had the sweetest sound of music when they arrive. The old woman's name was kabaiyan. That they were aware of the malaila swayamvar. According to the swayamvara of Princess who is in the room of the bond of the cane rajkumar succeeds in phekne, the same had to be his wedding. Both brothers attended the examination, But success was big brother. When the ball went into the room, the Princess he ball with your napkin, toppled down charity and betel nut ring. Prince has donated a napkin, betel nuts and betel nuts to retain the ring and there gave chitara. Both princes walked the other pratyakshi began to announce their victory, But the Sultan wanted to know who his daughter ring added. He was kabaiyan's house where he got three things to meandering. Some other shata ç on completing of the meandering and became malaila. Malaila vivahoprant walked home with two brothers, But on the way home and began living an idyllic Bliss site. Princess in the bucolic surroundings, one day saw the Golden shrringon deer. She asked her husband to catch him. Princess meandering to their loads of security, saying it had to get mentally Anuj that if he came to assist him, even if he did not move from there. After she heard her husband's voice by the Princess. He mangavarn go early to assist their agraj said. Then he went berserk on the refusal. Forcing mangavarn had to go to, But when she asked to keep the window closed malaila and forbids her to knock on the opening. Access to two of the same color mainwaring deer appear began falling. Both deer ran away in two directions. Both brothers began to chase them in different directions. Sterilized after younger brother trying to reach their first residence. He saw the broken wall of the House and the Princess is missing. Neighbors showed that hijacked the malaila madeira lavan. Lavan's Raj Bhavan on both brothers saw that access only near lavan malaila around fire flames Protected-take as holds of the annulus.1 here it is noteworthy that in his presence discovered malaila lax resulted from a monkey who was Hanuman roles. War begins on lavan alternates both brothers to war. He was wounded in battle is not a type Because the slaughter in his court were the sharp pieces of wood had to be from asra. The Court of mandangiri of lax asra entering lavan and she turned her sharp RASP on wood there. Mandangiri hit on the same asra lavan causing his death. At the end of the war of lax has climbed back to two brothers with malaila tax proceeds niyog sparked. Lax was with them. Was a Grand function on incoming niyog. On this occasion as a beautiful Prince lax has changed.Anti-nuke glee around 2.
फिलिपींस की राम कथा: महालादिया लावन
इंडोनेशिया और मलयेशिया की तरह फिलिपींस के इस्लामीकरण के बाद वहाँ की राम कथा को नये रुप रंग में प्रस्तुत किया गया। ऐसी भी संभावना है कि इसे बौद्ध और जैनियों की तरह जानबूझ कर विकृत किया गया। डॉ. जॉन आर. फ्रुैंसिस्को ने फिलिपींस की मारनव भाषा में संकलित इक विकृत रामकथा की खोज की है जिसका नाम मसलादिया लाबन है। इसकी कथावस्तु पर सीता के स्वयंवर, विवाह, अपहरण, अन्वेषण और उद्धार की छाप स्पष्ट रुप से दृष्टिगत होता है। महरादिया लावन बंदियार मसिर के सुल्तान का पुत्र है। उसके कुचक्र से बहुत लोगों की जान चली गयी। इसलिए सुल्तान उसे निर्वासित कर पुलूनगर द्वीप पर भेज दिया। वहाँ उसने उस वृश्र में आग लगा दी जिससे पृथ्वी बंधी हुई थी। देवदूत गैब्रियस के कहने पर तुहेन (ईश्वर) ने उसे अपना बलिदान करने से रोका और उसे वर दिया कि उसकी मृत्यु केवल उसके राजभवन में रखे काष्ट पर तीक्ष्ण किये अस्र से होगी। आगम नियोग के सुल्तान को मंगंदिरी और मंगवर्ग नामक दो पुत्र थे। दोनों भाईयों को पुलूनवंदै के सुल्तान की पुत्री मलैला के अनुपम सौंदर्य की जानकारी मिली। वे लोग उसकी तलाश में समुद्र यात्रा पर निकल पड़े। रास्ते में उनका जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया। संयोगवश दोनों भाई पुलूनवंदै के किनारे लग गये। एक बूढ़ी औरत उन्हें उठाकर अपने घर ले गयी। होश में आने पर उन्हें संगीत की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ी। बूढ़ी औरत का नाम कबैयन था। उससे उन्हें मलैला के स्वयंवर की जानकारी मिली। राजकुमारी के स्वयंवर की शर्त के अनुसार जो कोई बेंत की बोंद को राजकुमीरी के कक्ष में फेकने में सफल होता, उसी से उसका विवाह होना था। दोनों भाईयों ने उस परीक्षा में भाग लिया, किंतु सफलता बड़े भाई को मिली। जब गेंद राजकुमारी के कक्ष में पहुँच गयी, तब उसने गेंद के साथ अपना रुमाल, सुपारी दान और अंगूठी नीचे गिरा दी। राजकुमार ने रुमाल, सुपारी दान और अंगूठी को अपने पास रख लिया और सुपारी को वहीं छितारा दिया। दोनों राजकुमारों के चले जाने पर अन्य प्रत्याक्षी अपनी-अपनी जीत की घोषणा करने लगे, किंतु सुल्तान यह जानना चाहता था कि उसकी पुत्री की अंगूठी किसके पास गयी। वह कबैयन के घर गया जहाँ उसे मंगंदिरी के पास तीनों चीजे मिली। कुछ अन्य शताç को पूरा करने पर मंगंदिरी और मलैला का विवाह हो गया। विवाहोपरांत दोनों भाई मलैला के साथ घर चल पड़े, किंतु रास्ते में ही एक रमणीक स्थल पर घर बनाकर रहने लगे। उसी ग्राम्य परिवेश में राजकुमारी ने एक दिन स्वर्ण श्रृंगों वाले हिरण को देखा। उसने अपने पति से उसे पकड़ने के लिए कहा। राजकुमारी की सुरक्षा का भार अपने अनुज को सौंपकर मंगंदिरी यह कहकर निकल पड़ा कि यदि वह स्वयं भी उसे सहायता के लिए पुकारे, तो भी वह वहाँ से नहीं हटे। उसके जाने के बाद राजकुमारी ने अपने पति की आवाज़ सुनी। उसने मंगवर्ण को अपने अग्रज की सहायता हेतु शीघ्र जाने को कहा। उसके मना करने पर वह बहुत उग्र हो गयी। मजबूर होकर मंगवर्ण को जाना पड़ा, किंतु जाते समय उसने मलैला को खिड़की बंद रखने के लिए कहा और खटखटाने पर भी उसे खोलने की मनाही की। मंगवर्न के पहुँचते ही एक ही रंग के दो हिरण दिखाई पड़ने लगे। दोनों हिरण दो दिशाओं में भाग चले। दोनों भाई अलग-अलग दिशा में उनका पीछा करने लगे। निष्फल प्रयत्न के बाद छोटा भाई पहले अपने निवास पर पहुँचा। उसने देखा कि घर की दीवार टूटी हुई है और राजकुमारी गायब है। पड़ोसियों से पता चला कि महारादिया लावन ने मलैला का अपहरण कर लिया। लावन के राजभवन पहुँचने पर दोनों भाईयों ने देखा कि लावन के निकट पहुँचते ही मलैला के चारों तरफ आग की लपटें सुरक्ष-वलय का रुप धारण कर लेती हैं।१ यहाँ यह उल्लेखनीय है कि मलैला की खोज-यात्रा में उनकी भेंट लक्ष्मण नामक बंदर से हुई जो हनुमान की भूमिका निभाने लगा। युद्ध आरंभ होने पर लावन बारी-बारी से दोनों भाईयों से युद्ध करने लगा। वह युद्ध में किसी प्रकार घायल नहीं होता था, क्योंकि उसका वध उसके राजभवन में रखे लकड़ी के टुकड़े पर तीक्ष्ण किये गये अस्र से ही होना था। लक्ष्मण मंदंगिरी के अस्र को लेकर लावन के राजभवन में प्रवेश कर गया और उसने वहाँ लकड़ी पर रगड़कर उसे तीक्ष्ण कर दिया। मंदंगिरी ने उसी अस्र से लावन पर प्रहार किया जिससे उसकी मृत्यु हो गई। युद्ध समाप्त होने पर लक्ष्मण के आदेश से एक घड़ियाल मलैला के साथ दोनों भाईयों को पीठ पर चढ़ा कर आगम नियोग चल पड़ा। लक्ष्मण उनके साथ गया। आगम नियोग पहुँचने पर एक भव्य समारोह हुआ। इस अवसर पर लक्ष्मण सुंदर राजकुमार के रुप में परिवर्तित हो गया।२ चारों ओर उल्लास छा गया।